भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाना वाला PAK खुद ‘फेक न्यूज’ से डरा, जनता बेहाल और सेना को दिए 2 अरब
पाकिस्तान सरकार ने देश के संस्थानों के खिलाफ कथित ‘फेक न्यूज’ से निपटने के लिए 2 अरब रुपये का अतिरिक्त बजट मंजूर किया है. यह कदम उस समय उठाया गया है जब पाकिस्तान आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई, घटते विदेशी मुद्रा भंडार और बदहाली से जूझ रहा है. यह फैसला न केवल सवाल खड़े करता है, बल्कि पाकिस्तान की भारत के खिलाफ झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने की लंबी विरासत को भी उजागर करता है.
यह फैसला आर्थिक समन्वय समिति (ECC) के नेतृत्व में वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा लिया गया और इसे पाकिस्तान के सेना प्रमुख (COAS) जनरल असीम मुनीर का समर्थन प्राप्त है. इस पहल का उद्देश्य इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) को तकनीकी रूप से अपग्रेड करना है ताकि ‘फेक न्यूज’ का मुकाबला किया जा सके. विडंबना यह है कि ISPR खुद लंबे समय से भारत के खिलाफ झूठे आरोप और प्रोपेगेंडा फैलाने में अग्रणी रहा है.
पाकिस्तान ने इस पहल के लिए 750 मिलियन रुपये शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बजट से डायवर्ट किए हैं. SCO, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए है, उसमें पाकिस्तान की प्रतिबद्धताएं पहले ही सवालों के घेरे में रही हैं. इसके बावजूद, इस्लामाबाद फंड को ऐसे प्रोजेक्ट्स पर खर्च कर रहा है, जो असहमति को दबाने और अपने प्रोपेगेंडा को बढ़ाने पर केंद्रित हैं.