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मनमोहन सिंह के स्मारक की डिमांड के बीच प्रणब मुखर्जी का स्मारक घोषित, BJP का मैसेज क्या है? । Opinion

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक की डिमांड के बीच केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक बनाने की मंजूरी दे दी है. मुखर्जी का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल में बनेगा. प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. बुधवार को उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर इसके लिए उनको धन्यवाद भी दिया. जाहिर है कि मुखर्जी के इस सम्मान पर बवाल तो होना ही था. कांग्रेस नेता दानिश अली ने केंद्र सरकार पर मौत की घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है. दानिश ने यहां तक कहा कि प्रणब मुखर्जी को यह सम्‍मान उनके RSS-प्रेम की वजह से मिल रहा है. कांग्रेस इसके पहले प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने पर भी बहुत खुश नहीं हुई थी. पर सवाल यह उठता है कि ऐसे मौके पर जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव सामने है और सिख वोटर्स की नाराजगी का खतरा बना हुआ है, मोदी सरकार ने यह फैसला क्यों और कैसे ले लिया? क्योंकि भारतीय जनता पार्टी अगर एक कदम भी चलती है तो उसके फायदे और नुकसान का आंकलन पहले से ही कर लेती है. आखिर भारतीय जनता पार्टी देश की जनता को क्या मेसेज देना चाहती है?

क्या कांग्रेस की पोल खोलने की है मंशा? 

भारतीय जनता पार्टी जानती थी कि प्रणब मुखर्जी के स्मारक को फाइनल करते ही कांग्रेस के लोग हमलावर हो जाएंगे. जैसा कांग्रेस के पूर्व सांसद दानिश अली ने एक्स पर लिखा कि मनमोहन सिंह के लिए राजघाट स्मारक स्थली पर जगह की समूचे देश की मांग ठुकराते हुए प्रणब मुखर्जी के स्मारक के लिए उसी स्थान पर जमीन दे दी है. यह एक निम्न स्तर की राजनीति है और देश में आर्थिक क्रांति लाने वाले प्रधानमंत्री का घोर अपमान है.

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