चुनाव धांधली को लेकर हो गया दूध का दूध और पानी का पानी, क्या विपक्ष समझेगा? । Opinion
देश के सबसे ताकतवर विपक्ष के तीन नेताओं का ईवीएम पर विचार सुनकार कोई भी शख्स यही कहेगा कि भारत में लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है. कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में हुई सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजा की आत्मा EVM, CBI, ED, इनकम टैक्स में है. दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 2017 में कहा था कि मैं आईआईटी से पढ़ा इंजीनियर हूं और मैं ईवीएम से छेड़छाड़ के 10 तरीके बता सकता हूं. इसी तरह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था अगर मैं उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री भी बन जाऊं तो मैं ईवीएम पर भरोसा नहीं करूंगा. ये तब है जब सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और विपक्ष के कई नेता लगातार ईवीएम पर अपना भरोसा जता रहे हैं.यहां तक कि कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को भी ईवीएम पर पूरा भरोसा है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला भी ईवीएम को दोषी ठहराने के बजाय विपक्ष को जनता के बीच काम करने का सलाह दे चुके हैं. चुनाव आयोग भी लगातार तर्क पर तर्क दे रहा है पर विपक्ष हार का ठीकरा ईवीएम के मत्थे ही फोड़ता है. मंगलवार को चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए आज विस्तार से ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया.
डेढ़ घंटे की पीसी में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार सिर्फ 10 मिनट दिल्ली चुनाव पर बोले. बाकी समय करीब एक घंटे से ज्यादा वो EVM, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और खास वर्ग के वोटर्स का नाम हटाने जैसे विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. उम्मीद की जानी चाहिए कि अब ईवीएम पर सवाल नहीं उठेंगे. राजीव कुमार की पीसी के बाद अभी तक किसी राजनीतिक दल की ओर से उनकी बातों के खिलाफ आवाज नहीं उठी हैं . मतलब यही निकाला जा सकता है कि सभी दल उनकी बातों से सहमत है.